Showing posts with label कोयल. Show all posts
Showing posts with label कोयल. Show all posts

kOyal Bird _ कोयल पक्षी

kOyal Bird _ कोयल पक्षी


1) कोयल या कोकिल 'कुक्कू कुल' का पक्षी है |
2) इसका वैज्ञानिक नाम 'यूडाइनेमिस स्कोलोपेकस स्कोलोपेकस' है।
3) नर कोयल नीलापन लिए काला होता है |
4) मादा तीतर की तरह धब्बेदार चितकबरी होती है।
5) नर कोयल ही गाता है।
6) उसकी आंखें लाल व पंख पीछे की ओर लंबे होते हैं।
7) नीड़ परजीविता इस कुल के पक्षियों की विशेष नेमत है यानि ये अपना घोसला नहीं बनाती।
8) ये दूसरे पक्षियों विशेषकर कौओं के घोंसले के अंडों को गिरा कर अपना अंडा उसमें रख देती है।
कोयल स्वभाव से संकोची होती हैं।
9) इस वजह से इनका प्रिय आवास या तो आम के पेड़ हैं या फिर मौलश्री के पेड़
अथवा कुछ इसी तरह के सदाबहार घने वृक्ष, जिसमें ये अपने आपको छिपाए हुए तान छेड़ता है।

lahar sAgar kA _ लहर सागर का

lahar sAgar kA - लहर सागर का नहीं श्रृंगार

Poetry on Ocean (sAgar)::सागर पर कविता











लहर सागर का नहीं श्रृंगार,
उसकी विकलता है;
अनिल अम्बर का नहीं, खिलवार
उसकी विकलता है;
विविध रूपों में हुआ साकार,
रंगो में सुरंजित,
मृत्तिका का यह नहीं संसार,
उसकी विकलता है।

गन्ध कलिका का नहीं उद्गार,
उसकी विकलता है;
फूल मधुवन का नहीं गलहार,
उसकी विकलता है;
कोकिला का कौन-सा व्यवहार,
ऋतुपति को न भाया?
कूक कोयल की नहीं मनुहार,
उसकी विकलता है।

गान गायक का नहीं व्यापार,
उसकी विकलता है;
राग वीणा की नहीं झंकार,
उसकी विकलता है;
भावनाओं का मधुर आधार
सांसो से विनिर्मित,
गीत कवि-उर का नहीं उपहार,
उसकी विकलता है।

- हरिवंशराय बच्चन
संग्रह: आकुल अंतर

AvO pyArE bAdal_आओ प्यारे बादलजी

AvO pyArE bAdal_आओ प्यारे बादलजी

Poetry on Rain ::बारिश पर कविता
















ताल-तलैया भरो लबालब
कुएं-बावड़ी भरो डबाडब
उछले नदी छलाछलजी
आओ प्यारे बादलजी

गर्जन-तर्जन करो ढमाढम
बिजली नर्तन करो चमाचम
धरा बजाए मादलजी
आओ प्यारे बादलजी

खेतों में फसलें मुस्काएं
ठंडी हवा झूम लहराएं
जैसे मां का आंचलजी
आओ प्यारे बादलजी

टर्र-टर्र मेंढक बोले
पीहू-पपीहा रस घोले
मोर हुआ है पागलजी
आओ प्यारे बादलजी

जल अमोल है हम समझें
इसे सहेजना हम समझें
घन बरसे हैं श्यामलजी
आओ प्यारे बादलजी

बूंदें बरसें सुधा समान
सप्त स्वरों की गूंजे तान
मिश्री घोले कोयलजी
आओ प्यारे बादलजी।

- डॉ. सुधा गुप्ता 'अमृता'|