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विजय अमृतराज

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विजय अमृतराज
देश  भारत
निवास
जन्म 14 दिसम्बर 1953 (1953-12-14) (आयु 70)
जन्म स्थान चेन्नई, भारत
कद 1.93m (6ft. 4in.)
वज़न 86 kg (190 lb)
व्यवसायिक बना 1970
सन्यास लिया 1993
खेल शैली दक्षिण-हस्त
व्यवसायिक पुरस्कार राशि $1,331,913
एकल
कैरियर रिकार्ड: 391–303[1]
कैरियर उपाधियाँ: 16
सर्वोच्च वरीयता: No. 16 (7 July 1980)
ग्रैंड स्लैम परिणाम
ऑस्ट्रेलियाई ओपन 1R (1983, 1984)
फ़्रेंच ओपन 3R (1974)
विम्बलडन QF (1973, 1981)
अमरीकी ओपन QF (1973, 1974)
युगल
कैरियर रिकार्ड: 262–217
कैरियर उपाधियाँ: 13
सर्वोच्च वरीयता: No. 39 (२१ अक्तूबर १९८५)

ज्ञानसंदूक आखिरी बार बदला गया: ४ जून २००७.

विजय अमृतराज (तमिल: விஜய் அமிர்தராஜ், जन्म: १४ दिसंबर, १९५३) भारत के पूर्व टेनिस खिलाड़ी हैं।[2].

14 दिसंबर 1953 को चेन्नै में मैगी और रॉबर्ट अमृतराज के घर जन्मे विजय और उनके छोटे भाई आनंद और अशोक विश्व टेनिस में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले खिलाड़ी थे। विजय ने अपना पहला ग्रांप्री 1970 में खेला था। 1973 में वह विंबलडन और यू.एस. ओपन के क्वॉर्टर फाइनल तक पहुंचे, जहां उन्हें यान कोडेस और केन रोजवैल जैसे दिग्गज ही हरा सके। 1976 के विंबलडन में विजय और आनंद सेमीफाइनल तक पहुंचे थे। इसके बाद के वर्ष ब्योर्न बोर्ग, जिमी कॉनर्स और जान मैकेनरो जैसे युवा खिलाड़ियों के कारनामों से भरे पडे़ थे और ग्रैंड स्लैम इवेंट्स में इन्हीं का बोलबाला चला करता था।

तो भी विजय अमृतराज ने अपनी जगह बनाए रखी और 1981 के विंबलडन में क्वॉर्टर फाइनल में उन्हें पांच सैटों तक चले मैच में जिमी कॉनर्स से मात खानी पड़ी। इस तरह के फाइव सैटर्स खेलना विजय की खासियत थी। वे नैसर्गिक रूप से ग्रासकोर्ट प्लेयर थे और सर्व ऐंड वॉली पर ज्यादा निर्भर रहते थे। विश्व के सबसे अच्छे खिलाड़ियों से उनका लगातार हारना केवल स्टैमिना की कमी के कारण होता था, जो कि ज्यादातर भारतीय टेनिस खिलाडि़यों की समस्या रही है।

1979 के विंबलडन में जब ब्योन बोर्ग अपने खेल की बुलंदी पर थे। दूसरे राउंड में विजय का उनसे सामना हुआ। विजय ने बोर्ग को छकाते हुए पहला सेट 6-2 से जीता। बोर्ग ने दूसरा सेट 6-4 से जीता। सबको हैरत में डालते हुए विजय ने पिछले चैंपिअन को न सिर्फ तीसरे सेट में 6-4 से हराया चौथे में 4-1 से लीड ले ली। पराजय के सामने खडे़ बोर्ग ने केवल बेहतर स्टैमिना की बदौलत सैट और मैच बचा लिया। कोई हैरानी नहीं कि ऐसे मैच देखते हुए ही टेनिस की दुनिया विजय को करो या मरो शैली वाले खिलाड़ी के तौर पर जानती थी।

विजय अब भी खेलते हैं और इस साल के विंबलडन सीनियर्स पुरुष डबल्स में जीन मेयर के साथ उन्हें पहली सीड दी गई थी। विंबलडन को टीवी पर देखने वाले जानते हैं कि विजय अमृतराज की कॉमेन्ट्री के बिना इधर के सालों की टीवी कवरेज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। विजय ने जेम्स बॉन्ड की फिल्म ओक्टॉपसी में रोल किया है और स्टार ट्रैक में भी।

जब वह दस साल के थे बहुत तो बीमार रहा करते थे। बस दस मीटर भर दौड़ने से थक कर चूर हो जाने वाले इस बच्चे का ख्वाब था डॉक्टर बनना और गरीबों की सेवा करना। तब विजय को लगता था कि वह बस यही काम कर सकते थे। आज पैंतालीस साल बाद वह भारत के गौरव हैं और दुनिया में शांति कायम करने के महती उद्देश्य हेतु उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ ने शांतिदूत बनाया है।

बाहरी कड़ियाँ

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पुरस्कार
पहला ATP Most Improved Player
1973
उत्तराधिकारी
Guillermo Vilas