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रेवती रमन सिंह

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कुँवर रेवती रमन सिंह (जन्म: ५ अक्टूबर १९४३) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो २००4 के आम चुनाव में इलाहाबाद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गये थे। इन्होंने दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी जी को पराजित किया। ये दो बार लगातार लोकसभा चुनाव में विजय हासिल किया। इसके बाद इन्होने २००९ के लोक सभा चुनाव में भी जीत हासिल किया। लेकिन २०१४ के चुनाव में हार मिली | २०१६ में समजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने मित्र कुंवर रेवती रमन सिंह को उत्तर प्रदेश के राज्यसभा के प्रस्तवित किया इसके बाद वो राजयसभा के सदस्य चुने गए उनका कार्यकाल २०१६ से २०२२ तक रहा। २०२४ के आम चुनाव में उम्र दराज होने की वजह से उन्होंने अपने बेटे उज्जवल रमन सिंह को इलाहाबाद से चुनावी मैदान में उतारा और वो विजय होके सासंद बने।

कुंवर रेवती रमण सिंह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव , बेनी प्रसाद वर्मा और आजम खान के साथ समाजवादी पार्टी की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई ।

वे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं। वे इलाहाबाद के करछना विधानसभा क्षेत्र से 8 बार से अधिक बार विधायक रह चुके हैं.

प्रारंभिक जीवन रेवती रमन सिंह का जन्म भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ जेपी आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था । [5] [6] उन्होंने पवित्र गंगा नदी की सफाई के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और कई अन्य नेताओं के साथ भी काम किया था। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह , चंद्रशेखर और राज नारायण जैसे कई लोकप्रिय नेताओं के साथ काम किया था । राजनीतिक सफर वे पहली बार १९७४ में करछना विधानसभा से Indian National Congress (organisation)से तत्कालीन ३ बारके विधायक राम किशोर शुक्ला को विधानसभा चुनाव में पराजित करके राजनीत में कदम रखा। उसके बाद वे Janata Party से १९७७ का चुनाव जितने उसी विधान सभा से जितने में सफल रहे। लेकिन १९८० के विधान सभा चुनाव में जनता पार्टी के विघटन की वजह से वे Janata Party (secular) Raj Narain पार्टी के नेता राजनारयण के साथ होगये और १९८० के विधानसभा के चुनाव में Krishna Prakash Tewari के सामने हार का मुँह देखना पड़ा। लेकिन दो साल बाद हुए उप चुनाव में फिर से जीत हासिल करके विधानसभा पहुंचे। उसके बाद वे लगतार जनता देल से १९८५ ,१९८९ ,१९९१ के चुनाव में जीत हासिल की। १९९३ के चुनाव में बीएसपी नेता नन्दलाल पटेल से चुनाव हर गए। लेकिन फिर १९९६ और २००२ विधान सभा के चुनाव में जीत हासिल की। पदभार सदस्य, लोक लेखा समिति [7] 1977 से 1980 तक लघु उद्योग राज्य मंत्री 1989 से 1990 तक लघु उद्यो,सिचाई ,पर्यावरण मंत्री नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश विधान सभा (6 दिसम्बर 1991 से 6 दिसम्बर 1992 तक) 2003 से 2004 तक परिवहन मंत्री इलाहाबाद (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से दो बार संसद सदस्य (2004 और 2009) 2016 से 2022 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद