पोल्ट्री फार्मिंग
अवलोकन
भारत में पोल्ट्री कार्य अब, पिछवाड़े की पोल्ट्री फार्मिंग से हाई-टेक, पर्यावरण नियंत्रित पोल्ट्री में विकसित हो गया है. बैंक पोल्टरी फार्मिंग से संबंधित सभी कार्यों जैसेकि लेयर फार्मिंग, ब्रॉयलर फार्मिंग तथा हैचरीस के लिए ऋण प्रदान करता है. ऋण के आवेदक उद्यमी को पोल्ट्री फार्मिंग का पूरा ज्ञान होना चाहिए जोकि प्रशिक्षण प्रमाणपत्र/अनुभव प्रमाणपत्र आदि के द्वारा प्रमाणित होता हो. इसके अतिरिक्त, इस संबंध में मौसम की अनुकूलता, एक दिन के चूजों की उपलब्धता, पानी तथा पशु-चिकित्सा की सेवाओं की उपलब्धता भी एक पूर्व-अपेक्षा होगी.
ऋण की राशि का निर्धारण नाबार्ड द्वारा संस्तुत यूनिट लागत के आधार पर किया जाएगा.