सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना के अंतर्गत निधीयन (सीजीएफएमएसई) (संपार्श्विक प्रतिभूति रहित ऋण)

  • सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना के अंतर्गत निधीयन (सीजीएफएमएसई) (संपार्श्विक प्रतिभूति रहित ऋण)
अवलोकन

सूक्ष्म / लघु उद्योग इकाइयों (एमएसई) के लिए अपने ऋण के लिए प्रतिभूति उपलब्ध कराना बहुत मुश्किल होता है और यही बैंकिंग व्यवस्था से उनके जुड़ने में एक अवरोध है. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार और सिडबी ने "सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी निधि न्यास" (सीजीटीएमएसई) की स्थापना की है. सीजीटीएमएसई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर आईडीबीआई बैंक 1 करोड़ रुपये तक के ऋण बिना प्रतिभूति के देने की पेशकश करते हुए लघु उद्योग इकाइयों के सपनों को साकार कर रहा है.

योजना की विशेषताएं नीचे दी गई हैं:

सीजीएफएमएसई के अंतर्गत निधीयन
क्रम सं. क्षेत्र विषयवस्तु
1 पात्र क्षेत्र
  • एमएसएमईडी अधिनियम तथा रिज़र्व बैंक द्वारा परिभाषित सूक्ष्म/लघु उद्यम (विनिर्माण/सेवाएं) हो.
2 प्रयोजन / सुविधा
  • निधि आधारित : केपैक्स / मौजूदा ऋणों के टेकओवर के लिए कार्यशील पूँजी व मीयादी वित्त
  • गैर-निधि आधारित ऋण सीमाएं यथा बैंक गारंटी (बीजी) और साख पत्र (एलसी)
3 ऋण राशि
  •  अधिकतम : 1 करोड़ रुपये
4 अवधि
  • नकदी ऋण : 12 माह
  • मीयादी ऋण : अधिकतम 5 वर्ष
  • बिल भुनाई /साख पत्र : अधिकतम 180 दिन.
  • बैंक गारंटी : 12 माह से अधिक की नहीं
5 मूल्य निर्धारण
  • बैंक आधार दर और रेटिंग से संबद्ध
6 प्रतिभूति
  • प्राथमिकः चालू व अचल आस्तियों पर संपूर्ण प्रभार
  • कोई संपार्श्विक / अन्य पक्ष गारंटी नहीं